राजस्थान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2025: मिट्टी की जांच से उपज बढ़ाएं

राजस्थान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2025: भारत एक कृषि प्रधान देश है, और राजस्थान जैसे राज्य में कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। लेकिन जलवायु परिवर्तन, लगातार मिट्टी के दोहन और रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता घटती जा रही है। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी। राजस्थान में यह योजना 2025 में और भी प्रभावी तरीके से लागू की जा रही है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, राजस्थान में इसकी क्या स्थिति है, आवेदन कैसे करें, लाभ क्या हैं, और इससे किसानों की खेती कैसे बेहतर हो सकती है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) एक दस्तावेज है, जिसमें किसान के खेत की मिट्टी की जांच करके उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी जाती है। यह जानकारी किसान को यह तय करने में मदद करती है कि उसकी भूमि के लिए कौन-से उर्वरक और पोषक तत्वों की आवश्यकता है।

कार्ड में दिए जाने वाले मुख्य घटक:

  • pH मान (मिट्टी की अम्लता/क्षारीयता)

  • विद्युत चालकता (EC)

  • जैविक कार्बन

  • उपलब्ध नाइट्रोजन (N)

  • फॉस्फोरस (P)

  • पोटाश (K)

  • सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक, कॉपर, आयरन, मैगनीज़, बोरोन आदि।

योजना का उद्देश्य

  1. मिट्टी की गुणवत्ता की नियमित जांच को बढ़ावा देना।

  2. वैज्ञानिक तरीके से खेती को बढ़ावा देना।

  3. संतुलित और सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग सुनिश्चित करना।

  4. लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि।

  5. मिट्टी की दीर्घकालिक उर्वरता को बनाए रखना।

राजस्थान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की स्थिति

राजस्थान सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को राज्य के सभी 33 ज़िलों में लागू किया है। इसके लिए कृषि विभाग ने कई स्थायी व मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं (Soil Testing Labs) स्थापित की हैं।

अब तक की उपलब्धियाँ (2025 तक):

  • 80+ जिलों/उप-जिलों में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्यरत

  • 1.2 करोड़ से अधिक मृदा कार्ड वितरित किए जा चुके

  • 2025 में 100 नई मोबाइल मृदा जांच प्रयोगशालाओं की घोषणा

राजस्थान में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला

राजस्थान में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला

राज्य सरकार ने सभी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), कृषि उपनिदेशक कार्यालय, और e-Mitra केंद्रों को इस योजना से जोड़ दिया है ताकि किसानों को नज़दीक ही सेवा मिल सके।

मृदा जांच कैसे होती है?

नमूना संग्रह प्रक्रिया:

  1. किसान या कृषि अधिकारी खेत से 15-20 सेंटीमीटर गहराई तक मिट्टी के नमूने लेते हैं।

  2. नमूना खेत के अलग-अलग हिस्सों से लेकर मिला दिया जाता है।

  3. इस नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है।

  4. प्रयोगशाला में जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाती है।

  5. यह रिपोर्ट मृदा स्वास्थ्य कार्ड के रूप में किसान को दी जाती है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे प्राप्त करें?

ऑनलाइन प्रक्रिया:

  1. राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य पोर्टल पर जाएं।

  2. “Farmers Corner” में “Register” या “Apply SHC” विकल्प पर क्लिक करें।

  3. अपनी जानकारी भरें:

    • किसान का नाम

    • मोबाइल नंबर

    • राज्य/जिला

    • भूमि का विवरण

  4. फॉर्म सबमिट करें। कृषि विभाग आपसे संपर्क करेगा।

ऑफलाइन प्रक्रिया:

  1. नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग कार्यालय या e-Mitra केंद्र जाएं।

  2. आवश्यक दस्तावेज़ साथ लेकर जाएं:

    • आधार कार्ड

    • भूमि के कागजात (जमाबंदी/पट्टा)

    • मोबाइल नंबर

    • फोटो

  3. आवेदन फार्म भरें और अधिकारी को दें।

  4. नमूना संग्रह और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई जानकारी को कैसे पढ़ें?

उदाहरण स्वरूप कार्ड में यह हो सकता है:

पोषक तत्व स्थिति सुझाव
नाइट्रोजन (N) कम 45 किलो प्रति हेक्टेयर डालें
फॉस्फोरस (P) मध्यम 30 किलो प्रति हेक्टेयर डालें
पोटाश (K) पर्याप्त अभी आवश्यकता नहीं
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